Booting Process क्या है ? (What is Booting Process in Hindi)

बूटिंग क्या है Booting Kya Hai?

अपने कई बार लोगो से सुना होगा बूटिंग प्रोसेस के बारे में! यहाँ हम Booting Process in Hindi में जानेंगे कि यह बूटिंग प्रोसेस क्या होता है? बूटिंग प्रोसेस क्या है : जब भी आप अपने कंप्यूटर का बटन (Switch) On करते हैं तब से लेकर आपका कंप्यूटर Screen आने तक की जो भी Process होती है वे सारी क्रियाये Booting Process कहलाती है।

बूटिंग प्रोसेस क्या होता है ? Booting Process in Hindi!

Booting Process in Hindi :: जब भी हम अपने कंप्यूटर का स्विच ऑन करते है तो POST की प्रक्रिया शुरू हो जाती हैं यहाँ Post का मतलब (Power on Self-Test) से है। यह एक ऎसी प्रक्रिया होती है जिसमे कंप्यूटर के हर भाग की जाँच की जाती है, जिसमे यह देखा जाता है की कंप्यूटर के सभी भाग सही से काम कर रहे हैं या नहीं।

यदि कंप्यूटर हार्डवेयर में कहीं कमी होती है तब POST इसकी सुचना बीप की ध्वनि या कंप्यूटर स्क्रीन में सन्देश के रूप में Show करता है।

इसके लिए कंप्यूटर के Read Only Memory (रोम) में प्रोग्राम्स होते हैं, जिन्हें कंप्यूटर बनाने वाली कम्पनी बनाती है। जिसे BIOS (Basic Input Output System) प्रोग्राम कहते हैं।

कंप्यूटर के सभी भागों की जाँच करने के बाद यह प्रोग्राम कंप्यूटर की हार्ड डिस्क या सीडी में ऑपरेटिंग सिस्टम की जाँच करते हैं, यदि इनमे किसी जगह ऑपरेटिंग सिस्टम पाया जाता है, तो इसे कंप्यूटर की Main Memory में लोड कर दिया जाता है इसे बूटिंग कहते हैं।

आप यह कह सकते हैं की कंप्यूटर को ऑन करने तथा इसके काम करने की स्थति में आने तक के  समय में होने वाली प्रोसेस Booting Process कहलाती है।

बूटिंग के प्रकार (Types of Booting)

बूटिंग दो प्रकार की होती है—

  • कोल्ड बूटिंग (Cold Booting)
  • हॉट या वार्म बूटिंग (Hot Booting / Warm Booting)

कोल्ड बूटिंग क्या है? (What is Cold Booting)

जब आप कंप्यूटर को चलाने के लिए कंप्यूटर का Switch On करते हैं और आपका कंप्यूटर बूट हो जाता है अर्थात् आपका कंप्यूटर स्टार्ट हो जाता है। इस प्रक्रिया को Cold Booting कहा जाता है।

इस बूटिंग में Power On Self-Test  की प्रक्रिया होती है और कंप्यूटर में बूट हो जाता है।

वार्म बूटिंग क्या है? (What is Warm Booting)

जब हम कंप्यूटर पर कुछ काम कर रहे होते है और किसी कारण हमें अपने कंप्यूटर को दोबारा बूट करना होता है तो हम Ctrl + Alt + Del बटन या Computer के Restart बटन दबाते हैं और हमारा कंप्यूटर दोबारा से बूट होना शुरू हो जाता है इस प्रक्रिया को हम Warm Booting कहते हैं। इस प्रक्रिया में कंप्यूटर री-सेट होकर Boot हो जाता है।

इस बूटिंग में Power On Self-Test  की प्रक्रिया नही होती है और कंप्यूटर बहुत ही कम समय में बूट हो जाता है।

Difference between Cold Booting and Warm Booting (कोल्ड बूटिंग और वार्म बूटिंग में अंतर)

कोल्ड बूटिंग (Cold Booting)वार्म बूटिंग (Warm Booting)
Cold Booting को Hard Booting या Cold Start भी कहा जाता है।Warm Booting को Hot Booting या Soft Booting भी कहा जाता है।
Cold Booting में Power On Self Test (POST) की प्रक्रिया होती है।जबकि Warm Booting में Power On Self Test (POST) की प्रक्रिया नहीं होती।
Cold Booting को करने के लिए हमे Power Button को ऑन करना होता है। अर्थात् कंप्यूटर बंद अवस्था से चालू किया जाता है।जबकि इसके विपरीत Warm Booting के लिए आप Restart Button या कीबोर्ड से Ctrl + Alt + Del बटन का उपयोग करते है।
यह डाटा या हार्डवेयर को प्रभावित नही करता है।इसके विपरीत कंप्यूटर को Warm Booting से गंभीर परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं।

Booting Process kya hai | What is Booting Process in Hindi


यहाँ हमने जाना बूटिंग प्रोसेस क्या है? Types of Booting – Cold Booting , Worm Booting बारे में Booting Process in Hindi Language में उम्मीद करता हूँ आपको Booting Process in Hindi में जो आप जानकारी चाह रहें होंगे मिल गयी होगी!


 

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